हिसार लोकसभा चुनाव हुआ दिलचस्प,ससुर को मिलेगी बहुओं से चुनौती
सत्य खबर ,चंडीगढ़।
जैसे ही बीजेपी आलाकमान ने हरियाणा की बाकी बची चार लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं वैसे ही हिसार कुरुक्षेत्र और करनाल लोकसभा सीटें बेहद चर्चित हो गई हैं करनाल में जहां पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं वही कुरुक्षेत्र में उद्योगपति नवीन जिंदल ने चुनावी रण में उतरकर बीजेपी विरोधी दलों की सारी रणनीति को ध्वस्त कर दिया है दूसरी ओर हिसार में पूर्व डिप्टी पीएम ताऊ देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला को बीजेपी चुनावी रण में उतार चुकी है तो वहीं ताऊ देवीलाल की पुत्र वधू सुनैना चौटाला हिसार के रण में इनेलो प्रत्याशी बनकर पहले ही उतरी हुई है तो अब एक और पुत्र वधु नैना चौटाला इसी लोकसभा पर उतरने की तैयारी कर रही है अगर ऐसा हुआ तो हिसार सीट पर ताऊ देवीलाल के परिवार के सदस्यों में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा
इससे भी अधिक खास बात ये है कि देवीलाल के परिवार की दो बहुएं अपने ससुर के सामने चुनाव लड़ती नजर आएंगी। हिसार लोकसभा सीट को ताऊ देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला का परिवार अपनी सीट मानता रहा है… इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी भी चुनाव जीतते रहे हैं विरोधी राजनीतिक दलों की तमाम सियासी चक्रों को बिखरते हुए भाजपा ने रणजीत सिंह चौटाला को हिसार के चुनावी रण में उतर कर बड़ा दांव खेला है रणजीत चौटाला इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के छोटे भाई हैं बीजेपी से हाल ही में अलग हुई जेजेपी हिसार में जहां बाठड़ा विधायक नैना सिंह चौटाला को लोकसभा चुनाव लड़वाने पर गंभीरता से मनन कर रही है वहीं इनेलो ने पार्टी की महिला विंग की महासचिव सुनैना चौटाला को चुनावी रण में उतार दिया है
नैना चौटाला और सुनैना चौटाला दोनों आपस में जेठानी देवरानी है नैना चौटाला जहां जेजेपी के अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला की धर्मपत्नी और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां है वहीं सुनैना चौटाला इनेलो नेता रवि चौटाला की धर्मपत्नी है जो पिछले कई साल से इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला के साथ पार्टी में जान डालने का प्रयास कर रही है हिसार से इनेलो के टिकट पर दुष्यंत चौटाला सांसद रह चुके हैं जबकि भिवानी महेंद्रगढ़ से अजय सिंह चौटाला सांसद रह चुके हैं इनेलो के टूटने के बाद अजय और दुष्यंत चौटाला ने अलग पार्टी जेजेपी बना ली और साढ़े 4 साल तक बीजेपी के साथ सत्ता चलाने के बाद अब अलग हो गई।
बहरहाल वक्त कब क्या करवट ले कुछ कहा नहीं जा सकता ये बात चौधरी देवीलाल के पुत्र और वर्तमान भाजपा सरकार में बिजली मंत्री के बारे में सौ फीसदी सही साबित हो रही है वजह ये भी है कि 18वीं लोकसभा के लिए चुनावी रण में करीब 26 साल बाद रणजीत चौटाला की वापसी हो रही है करीब 32 साल पहले राज्यसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके रणजीत सिंह के लोकसभा पहुंचने के सपने को नया आधार मिला है उन्हें मोदी लहर पर सवार बीजेपी ने कभी लालों का राजनीतिक किला रह चुका हिसार से लोकसभा के चुनावी रण में उतारा है जिसके चलते रणजीत सिंह और देवी लाल की पुत्र वधु के हिसार चुनावी रण में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है ऐसे में लोकसभा के रण में कौन बाजी मरेगा